बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 मनोविज्ञान बीए सेमेस्टर-1 मनोविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 मनोविज्ञान के प्रश्नोत्तर
प्रश्न- प्रेरणाओं के संघर्ष से आप क्या समझते हैं? इसके समाधान करने के तरीकों पर प्रकाश डालिये।
लघु प्रश्न
1. कुण्ठा तथा संघर्ष से आप क्या समझते हैं?
2. प्रेरणाओं के संघर्ष के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिये।
3. संघर्षो का चेतन समाधान किस प्रकार करते है?
4. अचेतन रूप से किस प्रकार सघर्षो का समाधान करते हैं?
उत्तर -
कुण्ठा तथा प्रेरकों का संघर्ष -व्यक्ति जब किसी कारण से अपने निश्चित लक्ष्य पर नहीं पहुँच पाता तो उसे कुण्ठा उत्पन्न होती है। कुण्ठा के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें तीन प्रमुख हैं -
1. पर्यावरणीय कुण्ठा (Enviornmental Frustation) - जब व्यक्ति किसी पर्यावरणीय बाधा के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुँच पाता है तो इससे उत्पन्न कुण्ठा को पर्यावरणीय कुण्ठा कहते हैं, जैसे- सड़क पर यातायात की भीड़, अत्यधिक आवाज, पैसे कम होना आदि।
2. व्यक्तिगत कुण्ठा (Personal Frustation) - यह कुण्ठा व्यक्ति में उसके व्यक्तिगत कारकों से उत्पन्न होती है। शारीरिक अक्षमता, विशिष्ट क्षमताओं की कमी।
3. संघर्ष उत्पन्न कुण्ठा (Conflict produce Frustation) - जब दो अभिप्रेरक अपनी संतुष्टि एक ही समय चाहते हैं और व्यक्ति उनमें से किसी एक ही की संतुष्टि पूरी कर सकता है तो ऐसी परिस्थिति में अभिप्रेरको के बीच संघर्ष होता है, जिससे कुण्ठा उत्पन्न होती है।
कर्ट लेविन (Kurst Lewin, 1972) ने अभिप्रेरकों के संघर्ष को चार भागों में बाँटा है
1. उपागम उपागम संघर्ष (Approach Approach Conflict) - जब व्यक्ति के सामने दो धनात्मक लक्ष्य होते हैं और व्यक्ति इन दोनों की प्राप्ति एक साथ करना चाहता है तो ऐसी स्थिति में उत्पन्न संघर्ष को उपागम उपागम संघर्ष कहेंगे।
2. परिहार परिहार संघर्ष (Avoidance - Avoidance Conflict) जब व्यक्ति के सम्मुख दो नकारात्मक लक्ष्य होते हैं और इन दोनों लक्ष्यों में से किसी एक को स्वीकारना होता है. और व्यक्ति दोनों को ठुकराना चाहता है परन्तु न चाहते हुए भी उसे एक को स्वीकारना होता है, ऐसी स्थिति में परिहार परिहार संघर्ष उत्पन्न होता है।
3. उपागम परिहार संघर्ष (Approach Avoidance Conflict) - जब व्यक्ति किसी लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता है परन्तु उसके कुछ पहलू से दूर रहना चाहता है तब ऐसी परिस्थिति में उपागम परिहार संघर्ष उत्पन्न होता है।
4. बहुउपागम परिहार संघर्ष ( Multiple Approach Avoidance Conflict) - इस तरह के संघर्ष में दो या दो से अधिक धनात्मक तथा ऋणात्मक लक्ष्य होते हैं जिनकी प्राप्ति व्यक्ति एक साथ करना चाहता है। ऐसी परिस्थिति में उत्पन्न संघर्ष को बहुउपागम परिहार संघर्ष कहते हैं। जैसे एक युवती को अपनी मनपसन्द नौकरी मिलती है, नौकरी पाना उसके लिये धनात्मक लक्ष्य है, आत्मनिर्भर होना दूसरा धनात्मक लक्ष्य है तथा वेतन तीसरा धनात्मक लक्ष्य है। दूसरी तरफ यदि नौकरी करती है तो युवती को अपना शहर छोड़ना पड़ेगा और जिस नये शहर में रहना होगा वहाँ मकान नहीं मिल रहा तथा तीसरी उसे अपने परिवार से दूर रहना होगा। इस तरह कई धनात्मक तथा कई ऋणात्मक लक्ष्य एक साथ उत्पन्न होंगे। फलतः उसे बहुउपागम परिहार सघर्ष का सामना करना पडेगा।
अभिप्रेरकों के संघर्ष का समाधान
सामान्यतः अभिप्रेरकों के संघर्ष का समाधान निम्नांकित दो प्रकार से कर सकते हैं -
1. संघर्षो का चेतन समाधान (Conscious Resolution of Conflicts)- इस तरह के चेतन समाधान में मूल रूप से तीन चरण सम्मिलित होते हैं।
(i) परस्पर विरोधी अभिप्रेरकों के गुण-दोषों पर विचार-विमर्श जब दो या दो से अधिक परस्पर विरोधी अभिप्रेरक व्यक्ति के मन में संघर्ष उत्पन्न करते हैं तो व्यक्ति प्रत्येक अभिप्रेरक के गुण- दोषों पर सोचना प्रारम्भ करता है और इस निष्कर्ष पर पहुँचता है कि कौन-सा अभिप्रेरक उसके लिये अधिक महत्त्वपूर्ण है?
(ii) किसी निर्णय पर पहुँचना - व्यक्ति परस्पर विरोधी अभिप्रेरकों के गुण-दोषों पर विचार कर किसी एक अभिप्रेरक के पक्ष में निर्णय लेकर संघर्ष का समाधान करता है।
(iii) दृढनिश्चय करना - व्यक्ति निर्णय लेने के पश्चात् पुनः विचार करता है कि जो उसने निर्णय लिया है वह गलत तो नहीं है। पुनः सोच-विचार कर पूर्ण विश्वास के साथ निर्णय लेता है तथा उसका क्रियान्वयन कर संघर्ष का समाधान करता है।
2. संघर्षों का अचेतन समाधान (Unconscious Resolution of Conflicts) - जब व्यक्ति संघर्षो का चेतन समाधान नहीं कर पाता है तब वह संघर्षो का अचेतन समाधान करता है। अचेतन समाधान से आशय अभिप्रेरकों के संघर्ष के ऐसे समाधान से होता है जो व्यक्ति के अचेतन मन द्वारा अपने आप हो जाता है। फ्रॉयड ने अचेतन समाधान के कुछ प्रमुख निम्नलिखित तरीके बताये हैं-
(i) प्रक्षेपण (Projection) - इसमें व्यक्ति अपने दोषों को दूसरे पर थोपकर मानसिक संघर्ष कम करता है। जैसे-छात्र अपने फेल होने का कारण शिक्षक द्वारा गलत पेपर देना कहता है।
(ii) दमन (Repression) दमन की क्रिया में व्यक्ति अभिप्रेरकों के बीच संघर्ष का समाधान किसी एक अभिप्रेरक को अज्ञात रूप से हटाकर करता है। जब एक अभिप्रेरक अचेतन मन में चला जाता है तब व्यक्ति को उसका ज्ञान नहीं रहता और संघर्ष का समाधान हो जाता है।
(iii) विस्थापन (Displacement) - इसमें संघर्ष का समाधान करने के लिए व्यक्ति अपना ध्यान खतरनाक वस्तु से हटाकर कम खतरनाक वस्तु की ओर लगा देता है जैसे-कार्यालय में अधिकारी से डांट खाने पर व्यक्ति के मन में संघर्ष उत्पन्न होता है और वह व्यक्ति घर पहुँचने पर अपनी पत्नी को डॉटकर संघर्ष का समाधान कर लेता है।
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- प्रश्न- मनोविज्ञान की परिभाषा दीजिये। इसके लक्ष्य बताइये।
- प्रश्न- मनोविज्ञान के उपागमों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यवहार के मनोगतिकी उपागम को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- व्यवहारवादी उपागम क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संज्ञानात्मक परिप्रेक्ष्य से क्या तात्पर्य है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मानवतावादी उपागम से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मनोविज्ञान की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- भगवद्गीता में मनोविज्ञान को किस प्रकार समाहित किया है? उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सांख्य दर्शन में मनोविज्ञान को किस प्रकार व्याख्यित किया गया है? अपने विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- बौद्ध दर्शन में मनोविज्ञान किस प्रकार परिभाषित किया गया है? अपने विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- मनोविज्ञान की प्रयोगात्मक विधि से क्या तात्पर्य है? सामाजिक परिवेश में इस विधि की क्या उपयोगिता है?
- प्रश्न- मनोविज्ञान की निरीक्षण विधि का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये।
- प्रश्न- मनोविज्ञान को परिभाषित करते हुए इसकी विधियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध की गणना विधियों का वर्णन कीजिए। कोटि अंतर विधि का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध की दिशाएँ बताइये।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
- प्रश्न- जब {D2 = 36 है तथा N = 10 है तो स्पीयरमैन कोटि अंतर विधि से सह-सम्बन्ध निकालिये।
- प्रश्न- सह सम्बन्ध गुणांक का अर्थ क्या है?
- प्रश्न- चयनात्मक अवधान के किन्ही दो सिद्धांतों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चयनात्मक अवधान के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए
- प्रश्न- दीर्घीकृत ध्यान का स्वरूप स्पष्ट करते हुए, उसके निर्धारक की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- चयनात्मक अवधान के स्वरूप को विस्तारपूर्वक समझाइए।
- प्रश्न- चयनात्मक अवधान तथा दीर्घीकृत अवधान की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अधिगम से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- क्लासिकी अनुबन्धन सिद्धान्त का विवेचन कीजिए तथा प्राचीन अनुबन्धन के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- क्लासिकल अनुबंधन तथा क्लासिकल अनुबंधन को प्रभावित करने वाले तत्वों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- क्लासिकी अनुबंधन का अर्थ और उसकी आधारभूत प्रक्रियाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अधिगम अन्तरण से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकार बताइये।
- प्रश्न- शाब्दिक सीखना से आप क्या समझते हैं? शाब्दिक सीखने के अध्ययन में उपयुक्त सामग्रियाँ बताइए।
- प्रश्न- अधिगम को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- शाब्दिक सीखना में स्तरीय विश्लेषण किस प्रकार किया जाता है?
- प्रश्न- शाब्दिक सीखना की संगठनात्मक प्रक्रियाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सीखने की प्रक्रिया में अभिप्रेरणा का महत्त्व बताइये।
- प्रश्न- क्लासिकी अनुबंधन में संज्ञानात्मक कारकों की भूमिका बताइये।
- प्रश्न- अधिगम के नियमों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- परिवर्जन सीखना पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सीखने को प्रभावित करने वाले कारक।
- प्रश्न- स्मृति की परिभाषा दीजिये। स्मृति में सुधार कैसे किया जाता है?
- प्रश्न- स्मृति के प्रकारों की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्मृति में संरचनात्मक एवं पुनर्सरचनात्मक प्रक्रियाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विस्मरण के प्रमुख सिद्धान्तों का संक्षिप्त विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- प्रासंगिक तथा अर्थगत स्मृति से क्या आशय है? इनमें विभेद कीजिये।
- प्रश्न- अल्पकालीन तथा दीर्घकालीन स्मृति को संक्षेप में बताते हुये दोनों में विभेद कीजिये।
- प्रश्न- 'व्यतिकरण धारण को प्रभावित करता है।' इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्मृति के स्वरूप पर प्रकाश डालिए। स्मृति को मापने की विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विस्मरण के निर्धारक और कारणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संकेत आधारित विस्मरण किसे कहते हैं? विस्मरण के स्वरूप की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्मरण के प्रकार बताइयें।
- प्रश्न- अल्पकालीन तथा दीर्घकालीन स्मृति में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- स्मृति सहायक प्रविधियाँ क्या हैं?
- प्रश्न- विस्मरण के स्वरूप पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पुनः प्राप्ति संकेतों के अभाव में किस प्रकार विस्मरण होता है?
- प्रश्न- स्मृति लोप क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विस्मरण के अवशेष-प्रसक्ति समाकलन सिद्धान्त को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- ध्यान के कौन-कौन से निर्धारक होते है?
- प्रश्न- दीर्घकालीन स्मृति तथा उसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ध्यान की मुख्य विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- बुद्धि के प्रमुख सिद्धान्तों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि के संज्ञानपरक उपागम से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- बुद्धि परीक्षण से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकारों तथा महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गिलफोर्ड के त्रिआयामी बुद्धि सिद्धान्त का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- 'बुद्धि आनुवांशिकता से प्रभावित होती है या वातावरण से। स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- बुद्धि को परिभाषित कीजिये। इसके विभिन्न प्रकारों तथा बुद्धिलब्धि के प्रत्यय का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि से आप क्या समझते हैं? बुद्धि के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- वंशानुक्रम तथा वातावरण बुद्धि को किस प्रकार प्रभावित करता है?
- प्रश्न- संस्कृति परीक्षण को किस प्रकार प्रभावित करती है?
- प्रश्न- परीक्षण प्राप्तांकों की व्याख्या से क्या आशय है?
- प्रश्न- उदाहरण सहित बुद्धि-लब्धि के प्रत्यन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि परीक्षणों के उपयोग बताइये।
- प्रश्न- बुद्धि लब्धि तथा विचलन बुद्धि लब्धि के अन्तर को उदाहरण सहित समझाइए।
- प्रश्न- बुद्धि लब्धि व बुद्धि के निर्धारक तत्व बताइये।
- प्रश्न- गार्डनर के बहुबुद्धि सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- थर्स्टन के समूह कारक सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्पीयरमैन के द्विकारक सिद्धान्त के आधार पर बुद्धि की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्पीयरमैन के द्विकारक सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व से आप क्या समझते हैं? इसकी उपयुक्त परिभाषा देते हुए इसके अर्थ को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- व्यक्तित्व कितने प्रकार के होते हैं? विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने व्यक्तित्व का वर्गीकरण किस प्रकार किया है?
- प्रश्न- व्यक्तित्व के विभिन्न उपागमों या सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- व्यक्तित्व पर ऑलपोर्ट के योगदान की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- कैटेल द्वारा बताए गए व्यक्तित्व के शीलगुणों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
- प्रश्न- व्यक्ति के विकास की व्याख्या फ्रायड ने किस प्रकार दी है? संक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- फ्रायड ने व्यक्तित्व की गतिकी की व्याख्या किस आधार पर की है?
- प्रश्न- व्यक्तित्व के मनोविश्लेषणात्मक सिद्धान्त की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व के मानवतावादी सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- कार्ल रोजर्स ने अपने सिद्धान्त में व्यक्तित्व की व्याख्या किस प्रकार की है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व के शीलगुणों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- प्रजातान्त्रिक व्यक्तित्व एवं निरंकुश व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- शीलगुण सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- शीलगुण उपागम में 'बिग फाइव' (OCEAN) संप्रत्यय की संक्षिप्त व्याख्या दीजिए।
- प्रश्न- प्रेरणा से आप क्या समझते हैं? आवश्यकता, प्रेरक एवं प्रलोभन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विभिन्न शारीरिक एवं सामाजिक मनोजनित प्रेरकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रेरणाओं के संघर्ष से आप क्या समझते हैं? इसके समाधान करने के तरीकों पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- आवश्यकता-अनुक्रमिकता से क्या तात्पर्य है? मैसलो के अभिप्रेरणा सिद्धान्त का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये।
- प्रश्न- उपलब्धि प्रेरक एक प्रमुख सामाजिक प्रेरक है। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- “बाह्य अभिप्रेरण देने से आन्तरिक अभिप्रेरण में कमी आती है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- जैविक अभिप्रेरकों के दैहिक आधार का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आन्तरिक प्रेरणा क्या है और यह किस प्रकार कार्य करती है?
- प्रश्न- दाव एवं खिंचाव तंत्र अभिप्रेरित व्यवहार में किस प्रकार कार्य करता है?
- प्रश्न- जैविक और सामाजिक प्रेरक।
- प्रश्न- जैविक तथा सामाजिक अभिप्रेरकों में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- आन्तरिक एवं बाह्य अभिप्रेरण क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रेरणा चक्र पर टिप्पणी लिखो।
- प्रश्न- अभिप्रेरणात्मक व्यवहार के मापदण्ड बताइये।
- प्रश्न- पशु प्रणोद की माप का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संवेग से आप क्या वर्णन कीजिये। समझते हैं? इसकी विशेषतायें तथा इसके विकास की प्रक्रिया का
- प्रश्न- सांवेगिक अवस्था में क्या शारीरिक परिवर्तन होते हैं?
- प्रश्न- संवेग के जेम्स लांजे सिद्धान्त तथा कैनन बार्ड सिद्धान्त का तुलनात्मक विवरण दीजिये।
- प्रश्न- संवेग शैस्टर-सिंगर सिद्धान्त की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- संवेग में सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारकों की भूमिका पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- संवेगों पर किस प्रकार नियंत्रण कर सकते हैं? स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- 'पॉलीग्राफिक विधि झूठ को मापने की उत्तम विधि है। स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- संवेग के
- प्रश्न- संवेग के कैननबार्ड सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए तथा उनकी मानसिक योग्यता सामान्य छात्रों से कम होती है।
- प्रश्न- सार्वभौमिक एवं विशिष्ट संस्कृति संवेग की अभिवृत्ति के विषय में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- गैल्वेनिक त्वक् अनुक्रिया का अर्थ बताइए।
- प्रश्न- संवेग के आयामों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संवेगावस्था में होने वाले परिवर्तनों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- संवेगावस्था में होने वाले बाह्य शारीरिक परिवर्तनों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- झूठ संसूचना से क्या आशय है?
- प्रश्न- संवेग तथा भाव में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- संवेग के मापन की कोई दो विधियाँ बताइये।